होलिका दहन व्रत कथा | Holika Dahan Katha
🙏 होलिका दहन की पौराणिक कथा 🙏 बहुत समय पहले की बात है, दैत्यों का राजा हिरण्यकश्यप अत्यंत शक्तिशाली और अहंकारी था। उसने कठोर तपस्या ...
पढ़ें →एक मेंढक और एक मेंढकी थे। मेंढकी रोज गणेशजी का नाम लेती थी। एक दिन मेंढक ने कहा, "तू पराये पुरुष का नाम क्यों लेती है? अगर तू नाम लेगी तो मैं तुझे मार डालूँगा।"
तब राजा की दासी आई और दोनों को पतीले में डालकर अंगीठी पर चढ़ा दिया। जब दोनों जलने लगे तो मेंढक बोला, "मेंढकी, बहुत कष्ट हो रहा है। तू गणेशजी को याद कर, नहीं तो हम दोनों मर जायेंगे।"
तब मेंढकी ने सात बार कहा, "विनायक जी — विनायक जी।" तभी वहाँ दो सांड लड़ते हुए आए और पतीला गिरा दिया; पानी बहकर तालाब में चला गया। मेंढक और मेंढकी तालाब में तैरते हुए चले गए और बच गए।
हे विनायक जी! जैसे आपने मेंढक-मेंढकी का कष्ट दूर किया, वैसे ही सभी भक्तों का भी कष्ट दूर करिए। बोलो — विनायक जी महाराज की जय!