मानसा माता आरती | Mansa Mata / Mansa Devi Aarti
॥ आरती — मानसा माता ॥ जय मानसा माता, करुणा की मूरत प्यारी। साँप-रक्षक, संकट हरने वाली, हो जीवन में उजियारी। ॥जय माता॥ तेरी असीम दया स...
पढ़ें →॥ आरती — श्री सत्यनारायणजी की ॥
जय लक्ष्मी रमणा, श्री लक्ष्मी रमणा।
सत्यनारायण स्वामी, जन‑पातक हरणा॥
जय।
रत्नजटित सिंहासन, अद्भुत छवि राजै।
नारद करत निराजन, घंटा ध्वनि बाजै॥
जय।
प्रकट भये कलि कारण, द्विज को दर्शन दियो।
बूढ़े ब्राह्मण बनकर, कंचन‑महाल कियो॥
जय।
दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी।
चन्द्रचूड एक राजा, जिनकी विपत्ति हरी॥
जय।
वैश्य मनोरथ पाया, श्रद्धा तज दीन्हीं।
सो फल भोग्यो प्रभुजी — फिर अस्तुति कीन्हीं॥
जय।
भाव‑भक्ति के कारण, छिन‑छिन रूप धरयो।
श्रद्धा धारन कीनी, तिनको काज सरयो॥
जय।
ग्वाल‑बाल संग राजा वन में भक्ति करी।
मनवांछित फल दीन्हों — दीनदयालु हरी॥
जय।
चढ़त प्रसाद सवायो — कदलीफल, मेवा।
धूप‑दीप‑तुलसी से, राजी सत्यदेवा॥
जय।
(सत्य) नारायणजी की आरती, जो कोई नर गावै;
तन‑मन‑सुख‑सम्पत्ति — मनवांछित फल पावै॥
जय॥