कन्याकुमारी / कुमारी अम्मन् आरती | Kanyakumari / Kumari Amman Aarti

Aarti Goddesses Aarti Shakti Peeth ( शक्ति‑पीठ )
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परिचय

कन्याकुमारी की कुमारी अम्मन् (कन्याकुमारी माता) तमिलनाडु के दक्षिणी‑तम पर स्थित एक प्रसिद्ध देवी मंदिर में विराजमान हैं। यह स्थान हिन्दू श्रद्धा और तीर्थयात्रा के साथ‑साथ देश के दक्षिणी सिरे के रूप में भी विख्यात है — यहां बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिन्द महासागर का संगम नजदीक ही दिखता है। लोकमान्य कथाओं के अनुसार कुमारी माता का स्वरूप कुंवारी देवी के रूप में महत्त्व रखता है और कुछ परंपराओं में इसे शक्ति‑पीठों से भी जोड़ा जाता है; भक्त यहां माता की अनुकम्पा, मनोकामना‑सिद्धि और सुरक्षा की कामना से आते हैं। आरती के समय पारंपरिक दीप, पुष्प और दक्षिण भारतीय शैली के श्लोक/भजनों का प्रयोग होता है — विशेषकर नौयात्रा और उत्सव के समय श्रद्धा का वातावरण अधिक प्रबल रहता है।

कन्याकुमारी / कुमारी अम्मन् आरती | Kanyakumari / Kumari Amman Aarti

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॥ आरती — कन्याकुमारी कुमारी अम्मन् ॥

जय कन्याकुमारी माता, जय जय कुमारी माता।
सागर‑तीर की रहनुमाई, भक्तों की संकट हराता।
जय कन्याकुमारी माता, जय जय कुमारी माता॥

सौम्य चित, तेजस्विनी तू, करुणा की मूरत न्यारी।
कन्या रूप शुद्ध तुमहारी, कृपा करो संबल हमारी।
जय कन्याकुमारी माता…

विवेकानन्द के धाम समीप, तेरे चरण पावन स्थान।
भक्तों के उद्धार हेतु तुम, दीन दयालु मूरत महान।
जय कन्याकुमारी माता…

तीर्थ‑सागर संग मिलन जहाँ, उदय‑सूरज का जो निहार।
वो दृष्य तेरा प्रसिद्ध करे, भक्ति रस में करे उद्धार।
जय कन्याकुमारी माता…

त्रिशूल धारी न नहीं परन्तु, शक्ति का तू प्रतीक भारी।
कष्ट मिटे तेरे नाम ले, पावे भक्त अनन्त कल्याणी।
जय कन्याकुमारी माता…

लाल वस्त्र, पुष्प चढ़ाएँ, दीप से करें अर्चना।
जो तेरे चरणों में शीश झुकाए, पावें जीवन की रक्षा।
जय कन्याकुमारी माता…

माँ अनंत, माँ अपरंपार, दया कर आशीष दे।
हम सब पर अपनी दया करो, संकटों से मुक्त कर दे।
जय कन्याकुमारी माता, जय जय कुमारी माता।