करणी माता जी आरती | Karni Mata Ji Aarti

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परिचय

करणी माता जी को राजस्थान की प्रमुख शक्ति‑देवता के रूप में आदर मिलता है — उन्हें भय और संकट नाशक, भक्तों की रक्षा करने वाली माता माना जाता है। करणी माता की आराधना में नौदिनों (नवरात्रि), शुक्रवार या विशेष पर्वों पर भक्ति से पुष्प, दीप, लाल वस्त्र और प्रसाद अर्पित किया जाता है। आरती पाठ करते समय मन को शुद्ध रखें, धीमी लय में पढ़ें और अंत में चरणों में पुष्प/प्रसाद अर्पित करें — इससे भक्ति का अनुभव अधिक गहरा होता है।

करणी माता जी आरती | Karni Mata Ji Aarti

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॥ करणी माता जी आरती ॥

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।
भक्त जनन भय संकट, पल‑छिन में हरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी…

आदि शक्ति अविनासी, वेदन में वरणी।
अगम अनन्त अगोचर, विश्वरूप धरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी…

काली तूं किरपाली, दुर्गे दुःख हरणी।
चंडी तूं चिरताली, ब्रह्माणी वरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी…

लक्ष्मी तूं हिंगलाजा, आवड़ अघ हरणी।
दैत्य दलण डाढ़ाली, अम्बे अवतरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी…

ग्राम सुवाप सुहाणो, धिन थलवट धरणी।
देवला माँ मेहा घर, जनमी जग जननी ॥ ॐ जय अम्बे करणी…

राज दियों रिडमल ने, कानो खय करणी।
धन दुहत वाणीये को, तारी कर तरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी…

शेखो लाय सिन्ध सू, पेथड़ आचरणी।
दशरथ थान दिपायी, सांपू सुख सरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी…

जेतल भूप जीताड़यो, कमरू दल दलणी।
प्राण बचाव भगत के, पार कला हरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी…

परचा गिण नहीं पाऊ, माँ आशरण शरणी।
‘सोहन’ चरण शरण में, दास अभय करणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी…