मानसा माता आरती | Mansa Mata / Mansa Devi Aarti
॥ आरती — मानसा माता ॥ जय मानसा माता, करुणा की मूरत प्यारी। साँप-रक्षक, संकट हरने वाली, हो जीवन में उजियारी। ॥जय माता॥ तेरी असीम दया स...
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आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया‑पी की॥
गावत ब्राह्मादि मुनि नारद, बाल्मीकि विज्ञान‑विशारद।
शुक, सनकादि, शेष अरु शारद — बरनि पवनसुत कीरति नीकी॥
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया‑पी की॥
गावत वेद‑पुराण अष्टदश, छः शास्त्र सब ग्रन्थन को रस।
मुनि‑मन धन, सन्तन को सरबस — सार अंश सम्मत सबही की॥
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया‑पी की॥
गावत सतत शम्भु‑भवानी, अरु घट‑सम्भव मुनि‑विज्ञानी।
व्यास आदि कवि बखानी, कागभुषुण्डि गरुड़ के ही की॥
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया‑पी की॥
कलिमल हरनि — विषय रस फीका, सुहाग सिंगार, मुक्ति जुबती की।
दलन रोग‑भव मूर्त अमी — तात मात सब विधि तुलसी की॥
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया‑पी की॥