मानसा माता आरती | Mansa Mata / Mansa Devi Aarti
॥ आरती — मानसा माता ॥ जय मानसा माता, करुणा की मूरत प्यारी। साँप-रक्षक, संकट हरने वाली, हो जीवन में उजियारी। ॥जय माता॥ तेरी असीम दया स...
पढ़ें →॥ श्री भैरव आरती ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले, कर जोड़ कर विनती करूँ।
कृपा तुम्हारी चाहिए, मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ।
मैं चरण छुता आपके, अर्जी मेरी सुन लीजिये—
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
मैं हूँ मति का मन्द, मेरी कुछ मदद तो कीजिये।
महिमा तुम्हारी बहुत, कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ—
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
करते सवारी स्वान की, चारों दिशा में राज्य है।
जितने भूत और प्रेत, सबके आप ही सरताज हैं—
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
हथियार हैं जो आपके, उसका क्या वर्णन करूँ।
माता जी के सामने तुम, नृत्य भी करते सदा—
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
गा‑गा के गुण अनुवाद से, उनको रिझाते हो सदा।
एक सांकली है आपकी, तारीफ उसकी क्या करूँ—
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
बहुत सी महिमा तुम्हारी, मेहंदीपुर सरनाम है।
आते जगत के यात्री, बजरंग का स्थान है—
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
श्री प्रेतराज सरकार के, मैं शीश चरणों में धरूँ।
निशदिन तुम्हारे खेल से, माताजी खुश रहें—
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
सिर पर तुम्हारे हाथ रख कर, आशीर्वाद देती रहें।
कर जोड़ कर विनती करूँ, अरु शीश चरणों में धरूँ—
सुनो जी भैरव लाड़िले॥